कड़ाही

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कड़ाही संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ कड़ाह] छोटा कड़ाहा, जो लोहे पीतल, चाँदी आदि का बनता है । क्रि॰ प्र—चढ़ना=आँच पर रखा जाना ।—चढ़ाना=आँच पर रखना । मुहा॰—कड़ाही करना=कढ़ाही चढ़ना । मनौती पूरी होने पर किसी देवी देवता की पूजा के लिये हलवा पूरी करना । कड़ाही में हाथ डालना=अग्निपरीक्षा देना । यौ॰—कड़ाही पूजन=किसी शुभ कार्य के निमित्त पकवान बनाने के लिये कड़ाही चढ़ाने के पहले उसकी पूजा करना ।