कतरा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कतरा ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ कतरना]
१. कटा हुआ टुकड़ा । खंड । जैसे, —तीन चार कतरे सोहन हलुआ खाकर वह चला गया ।
२. पत्थर का छोटा टुकड़ा जो गढ़ाई में निकलता है ।
कतरा ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार की बड़ी नाव जिसमें माँझी खड़े होकर डाँड़ चलाते हैं । यह पटेले के बराबर लंबी पर उससे कम चैड़ी होती है । इसपर पत्थर आदि लादते हैं ।
कतरा ^३ संज्ञा पुं॰ [अ॰ कतरहू] बूँद । विंदु । उ॰—गुज से कुल कतरे से दरिया बन जावै । अपने कों खोए तब अपने को पावै । —भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ५६८ ।