कदर
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कदर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. लकड़ी चीरने का आरा ।
२. अंकुश ।
३. वह गाँठ जो हाथ या पैर में काँटा या कंकड़ी चुभने या अधिक रगड़ से पड़ जाती है और कड़ी होकर बढ़ती है । चाँईं । टाँकी । गोखरू ।
४. सफेद खैर ।
५. छेना (को॰) ।
६. एक पेड़ का नाम जो कभी खदिर के स्थान पर यज्ञयूप के नाम आता था (को॰) ।
कदर ^२ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ कद्र]
१. मान । मात्रा । मिकदार । जैसे,— तुम्हारे पास इस कदर रुपया है कि तुम एक अच्छा रोजगार खड़ा कर सकते हो ।
२. मान । प्रतिष्ठा । बड़ाई । आदर सत्कार जैसे,—(क) उस दरबार में उनकी बड़ी कदर है । (ख) तुम्हारे यहाँ चीजों की कदर नहीं है । यौ॰—कदरदान । बेकदर ।