कनकौवा
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
कनकौवा संज्ञा पुं॰ [हिं॰ कन्ना+ कौवा]
१. कागज की बड़ी पतंग । गुडडी ।
२. एक प्रकार की घास जो प्राय: मध्य भारत और बुंदेलखंड में होती है । क्रि॰ प्र॰—उड़ाना ।—काटना ।—बढ़ाना ।—ल़ड़ाना । मुहा॰—कनकौवा काटना=किसी बढ़ी हुई पतंग की डोरी को अपनी बढ़ी हुई पतंग की डोरी से रगड़कर काटना । कनकौवा लड़ाना=किसी बढी़ हुई पतंग की डोरी में अपनी बढ़ी हु ई पतंग की डोरी को फँसाना जिसमें रगड़कर खाकर दोनों में से कोई पतंग कट जाय । कनकौवा बढ़ाना=कनकौवे की डोर ढीली करना जिससे वह हवा में और ऊपर या आगे जा सके । कनकौवे से दुमछल्ला बड़ा=मुख वस्तु की अपेक्षा उसके उपसर्ग या पुछल्ले का बड़ा होना । यौ॰—कनकौवाबाज=पतंग उड़ानेवाला । कनकौनवेबाजी ।