कबरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कबरा ^१ वि॰ [सं॰ कर्वर, प्रा॰, कव्वर] [स्त्री॰ कबरी]

१. सफेद रंग पर काले, लाल पीले आदि दागवाला । जिसके शरीर का रंग दोरंगा हो । चितला । उ॰—कलुआ कबरा मोतिया झबरा बुचवा मोहिं देखावै ।—मलूक॰, पृ॰ २५ ।

२. कल्माष । शब्बला । अबलक । विशेष—इस रंग के लिये यह आवश्यक है कि या तो सफेद रंग पर काले, पीले, लाल आदि दाग हों या काले पीले, लाल आदि रंगों पर सफेद दाग हों । यौ॰—चितकबरा ।

कबरा ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ कौर] करील की जाति की एक प्रकार की फैलनेवाली झाड़ी जो उत्तरी भारत में अधिकता से पाई जाती है कैर । विशेष—इसके फल खाए जाते हैं उनसे एक प्रकार का तेल निकाल जाता है । इसका व्यवहार ओषधि के रूप में भी होती है ।