कबूतर
दिखावट

संज्ञा
[सम्पादित करें]कबूतर
- एक प्रकार का घरेलू या जंगली पक्षी, जिसकी गर्दन छोटी और सीना उभरा हुआ होता है; यह उड़ने में सक्षम और तेज़ गति वाला पक्षी है।
- संदेशवाहक पक्षी के रूप में ऐतिहासिक महत्व रखता है।
- शांति का प्रतीक भी माना जाता है।
- उदाहरण: कबूतर संदेशवाहक के रूप में भी इस्तेमाल होता था।
उच्चारण
[सम्पादित करें]उदाहरण वाक्य
[सम्पादित करें]- कबूतर छत पर दाने चुग रहा है।
- पुराने ज़माने में लोग संदेश भेजने के लिए कबूतर का प्रयोग करते थे।
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादित करें]शब्दसागर
[सम्पादित करें]कबूतर संज्ञा पुं॰ [फा॰ तुलनीय सं॰ कपोत] [स्त्री॰ कबूतरी] एक पक्षी । विशेष—यह कई रंगो का होता है और इसके आकार भी कुछ भिन्न भिन्न होते हैं । पैर में तीन उँगलियाँ आगे और एक पीछे होती हैं । यह अपने स्थान को अच्छी तरह पहचानता है और कभी भूलता नहीं । यह झुंड में चलता है । मादा दो अंडे देती है । केवल हर्ष के समय यह गुटरूगुँ का अस्पष्ट स्वर निकलता है । पीड़ा के तथा और दूसरे अवसरों पर नहीं बोलना । इसे मार भी डालें तो यह मुँह नहीं खोलता । गिरहबाज, गोला, लोटना, लक्का, शीराजी, बुगदादी इत्यादि इसकी बहुत सी जातियाँ होती हैं । शिखावाले कबूतर भी होते हैं । गिरबबाज कबूतरों से लोंग कभी कभी चिट्ठी भेजने का भी काम लेते हैं । क्रि॰ प्र॰—उड़ाना=कबूतरबाजी करना ।