कमरख
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कमरख संज्ञा पुं॰ [सं॰ कर्मरड्ग, प्रा॰ कम्मरंग]
१. मध्यम आकार का एक पेड़ का नाम जो हिंदुस्तान के प्रायः सभी प्रांतों में मिलता है । कर्मरंग । कमरंग । विशेष—इसकी पत्तियाँ अँगुल डेढ अँगुल चौडी, दो अंगुल लंबी और कुच नुकीली होती है तथा सीकों से लगती हैं । यह जेठ आसाढ में फूलता हैं । फूल झड जाने पर लंबे लंबे पाँच फाँकोंवाला फल लगते हैं, जो पूस माघ में पकते और पककर खूब पीले होते हैं । कच्चे फल खट्टे और पक्के खटमिठे होते हैं । इनमें कसाव बहुत होता है, इसीलिये पक्के फलों में चूना लगाकर खाते हैं । फल अधिकतर अचार चटनी आदि के काम में आता है । कच्चे फल रँगाई के काम में भी आते हैं । इससे लोहे के मुर्चे का रंग दूर हो जाता है । वैद्य लोग इसके फल, जड और पत्तियों को औषध के काम लाते हैं । खाज के लिये यह अत्यंत उपयोगी माना जाता है ।
२. उक्त पेड़ के फल का नाम ।