करड़ा † वि॰ [हिं॰ कर्रा, पु कड्ड़ा] दे॰ 'कड़ा' । उ॰—(क) दूजी दिस ताकें नहीं, पडै जो करड़ा काम ।—दरिया॰ बानी, पृ॰ १२ ।