करतूत संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ करना+ऊत (प्रत्य॰)] [सं॰ कर्तृत्व] १. कर्म । करती । काम । जैसे,—यह सब तुम्हारी ही करतूत है ।२. कला । गुण । हुनर । उ॰—हमारी करतूत तो कुछ भी नहीं, पर तुम्हारी तो बहुत कुछ है ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ २५८ ।