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करबर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

करबर पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ कर्बर] चिता । उ॰— डारी सारी नील की ओट अचूक, चुकैन । मो मन मृग करबर गहैं अहे अहैरी नैन । — बिहारी र॰, दो॰ ५० ।