करमकल्ला

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

करमकल्ला संज्ञा पुं॰ [अ॰ करम + हिं॰ कल्ला] एक प्रकार की गोभी जिसमें केवल कोमल कोमल पत्तों का बँधा हुआ संपुट होता है । इन पत्तों की तरकारी होती है । बँधी गोभी, पातगोभी । बंदगोभी । विशेष — यह जाडे में फूलगोभी के थोडा पीछे माघ फागुन में होता है । चैत में पत्ते खुल जाते हैं और उनके बीच से एक डंठल निकलता है जिसमें सरसों की तरह के फूल और पत्तियाँ लगती हैं । फलियों के भीतर राई के से दाने या बीज निकलते हैं ।