करम्भ

विक्षनरी से

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

करंभ संज्ञा पुं॰ [सं॰ करम्भ]

१. दही में सना सत्तु ।

२. दलिया ।

३. मिली जुली गंध ।

४. पंक । उ॰—जौ को कुटक र भुसी अलग करके भुनकर पीसते थे और उसको सत्तु एवं दही में मिलाकर नमक भोज्य पदार्थ बनाते थे ।—हिंदु॰ सभ्यता, पृ॰ ८० ।