प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
करंभ संज्ञा पुं॰ [सं॰ करम्भ]
१. दही में सना सत्तु ।
२. दलिया ।
३. मिली जुली गंध ।
४. पंक । उ॰—जौ को कुटक र भुसी अलग करके भुनकर पीसते थे और उसको सत्तु एवं दही में मिलाकर नमक भोज्य पदार्थ बनाते थे ।—हिंदु॰ सभ्यता, पृ॰ ८० ।