करारा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]करारा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कराल=ऊँचा या हिं॰ कट=काटना+सं॰ आर=किनारा]
१. नदी का वह ऊँचा किनीरा जो जल के काटने से बने । उ॰—जघन सघन जु भयानक भारे । महानदी के जनु कि करारे ।—नंद ग्रं॰, पृ॰ २३९ ।
२. ऊँचा किनारा ।
३. टीला । ढ़ूह ।
करारा ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ करट, प्रा॰ करह] कौआ । उ॰—असगुन होहिं नगर पैठारा । रटहि कुभाँति कुखेत कगारा ।— तुलसी (शब्द॰) ।
करारा ^३ संज्ञा पुं॰ [हि॰ कड़ा, कर्रा]
१. छूने में कठोर । कड़ा ।
२. दृढ़चित्त जैसे,—जरा करारे हो जाओं, रुपया निकल आवे ।
३. खुब सेंका हुआ । आँच पर इतना तला या सेंका हुआ कि तोड़ने से कुर कुर शब्द करे । जैसे,—करारा सेव, करारा पापड़ ।
४. उग्र । तेज । तीक्ष्ण । मुहा॰—करारा दम=जो थका माँदा न हो । जो शिथिल न हो । तेज ।
५. चोखा । खरा । जैसे,—करारा रुपया ।
६. अधिक गहरा । घोर । जैसे,—उसपर बड़ी करारी मार पड़ी ।
७. जिसका बदन कड़ा हो । हट्टा कट्टा । बलवान । जैसे,—करारा जवान ।
करारा ^४ संज्ञा पुं॰ [हि॰] एक प्रकार की मिठाई ।