कराहना क्रि॰ अ॰ [हि॰ 'कराह' से नामिक धा॰] व्यथा सुचक शब्द मुँह से निकलना । क्लेश या पीड़ा का शब्द मुँह से निकलना । आह आह करना । उ॰—मरी डरी कि टरी ब्यथा कहा खरी चलि चाहि । रही कराहि कराहि अति अब मुख अहि न आहि ।— बिहारी (शब्द॰) ।