करीष

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

करीष संज्ञा पुं॰ [सं॰] सूखा गोबर जो जंगलीं में मिलता है और जलाने के काम आता है । बनकंड़ा । अरना कंडा । जंगली कंड़ा । बन उपल । उ॰—कछु है अब तो कह लाज हिये । कहि कोन विचार हथ्यार लिये । अब जाइ करीष की आगि जरो । गरु बाँधि कै सागर बुढि मरौ ।—केशव (शब्द॰) ।