कर्णपरंपरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कर्णपरंपरा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कर्णपरम्परा] एक के कान से दुसरे के कान में बात जाने का क्रम । सुनी सुनाई व्यवस्था । (किसी) बात को) बहुत दिनों से लगातार सुनने सुनते चले आने का क्रम । श्रृतिपरंमरा ।