कर्मधारय

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कर्मधारय समास संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] वह समास जिसमें विशेषण और विशेष्य का समान अधिकरण हो; जैसे, कचलहू, नवठट, नवयुवक, नवांकुर, चिरायु । विशेष— हिंदी में कर्मधारय समास बहुत कम होता है क्योंकि इसमें विशेष्य के साथ विशेषण में भी विभक्ति लगाने का साधारणतः नियम नहीं है ।