कर्षण

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कर्षण संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ कर्षित, कर्षी, कर्षक, कर्षणीय, कर्ष्य]

१. खींचना ।

२. खरोंचकर लकीर ड़ालना ।

३. जोतना ।

४. कृषि कर्म । खेती का काम ।

५. आकर्षण । खिंचाव । उ॰— कितु तो भी कर्षण बलवंत है जब तक मिले हैं वे आपस में ।— अपरा, पृ॰ ९८ ।