कलंकी

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कलंकी ^१ वि॰ [सं॰ कलङ्किन्] [ स्त्री॰ कलंकिनी] जिसे कलंक लगा हो । दोषी । अपराधी । उ॰— वे करता नहिं भए कलंकी, नहीं कलिगै मार । — घट॰, पृ॰ २६४ ।

कलंकी ^२ संज्ञा पुं॰ चंद्रमा । उ॰— मैलो मृग धारे जगत नाम कलंकी जाग । तऊ कियो न मयंक तुम सरनागत को त्याग ।— दीन॰ ग्रं॰, पृ॰ १९८ ।

कलंकी पु ^३ † संज्ञा पुं॰ [सं॰ कल्कि] दे॰ 'कल्कि' । यौ॰—कलंकी सरूप = कल्कि अवतार । उ॰— कलंकी सरूपं धरंतं अनूपं । पृ॰ रा॰, २ । ५८४ ।