सामग्री पर जाएँ

कलन

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

कलन संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ कलित]

१. उत्पन्न करना । बनाना । लगाना । सजाना ।

२. धारण करना । होना ।

३. आचरण ।

४. लगाव । संबंध ।

५. गणित की क्रिया । हिसाब । जैसे, — संकलन, व्यवकलन ।

६. ग्रास । कौर ।

७. ग्रहण ।

८. शुक्र और शोणित के संयोग का वह विकार जो गर्भ की प्रथम रात्रि में होता है और जिससे कलल बनता है ।

९. बेंत ।

१०. धब्बा (को॰) ।

११. दोष । अपराध (को॰) ।