कलसा संज्ञा पुं॰ [सं॰ कलसक] [स्त्री॰ अल्पा॰ कलसी] १. पानी रखने का बरतन । गगरा । घड़ा । उ॰—जस पनिहारी कलस भरे मारुग में आवै । कर छोड़े मुख बचन चित कलसा में लावै ।—पलटू॰, पृ॰ ४२ ।२. मंदिर का शिखर ।