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कल्याण

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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कल्याण ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. मंगल । शुभ । भलाई । यौ॰— कल्याणकारी ।

२. सोना ।

३. संपूर्ण जाति का एक शुद्ध राग । विशेष— यह श्रीराग का सातवाँ पुत्र माना जाता है । इसके गाने का समय रात का पहला पहर है । कोई कोई इसे मेघ राग का पुत्र मानते हैं । इसके मिश्र और शुद्ध मिलकर यमन कल्याण, शुद्ध कल्याण, जयत कल्याण श्रावणी कल्याण, पूरिया कल्याण, कल्याण वराली, कल्याण कामोद, नट कल्याण, श्याम कल्याण, हेम कल्याण, क्षेम कल्याण, भूपाली कल्याणी ये बारह भेद हैं । इसका सरगम यह है— ' ग, म, ध, रि, स, नि, ध, प, म, स, रि, ग' ।

४. एक प्रकार का घृत (वैद्यक) ।

५. सौभाग्य (को॰) ।

६. प्रसन्नता । सुख (को॰) ।

७. संवन्नता (को॰) ।

८. त्यौहार (को॰) ।

९. स्वर्ग (को॰) ।

कल्याण ^२ वि॰ [स्त्री॰ कल्याणी]

१. शुभ । अच्छा । भला । मंगलप्रद । यौ॰— कल्याणभार्य ।

२. सुंदर (को॰) ।

३. प्रामाणिक । यथार्थ (को॰) ।