कहकहा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कहकहा संज्ञा पुं॰ [अनु॰ अ॰ क़हकहा] अट्टहास । ठट्ठा । जोर की हँसी । क्रि॰ प्र॰—उड़ाना ।—मारना ।—लगाना । यौ॰—कहकहा दीवार । मुहा॰—कहकहा उड़ना = हँसी होना । उपहास होना । उ॰— भरी बरसात के दिन ये हैं । कहीं फिसल न पड़ै तो कहकहा उड़े, यार लोगों को दिल्लगी हाथ आए ।—फिसाना॰, भा॰१, पृ॰ १ ।

कहकहा दीवार संज्ञा पुं॰ [फा॰]

१. एक काल्पनिक दीवार । उ॰— पलटू दीवाल कहकहा मत कोउ झाकन जाय ।—पलटू॰, भा॰ १, पृ॰ २८ ।