कहार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कहार संज्ञा पुं॰ [सं॰ क = जल + हार या सं॰ स्कन्धभारक] एक हिंदुओं की जाति जो पानी भरने और डोली उठाने का काम करती है । उ॰—लगैं संग उत्ती फुटै पुट्ठि पच्छी । कि कंधं कहारं कटै जार मच्छी ।—पृ॰ रा॰, ७ ।९० ।