काँटी
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
काँटी संज्ञा स्त्री ॰[ हिं॰ काँटा का अल्पा॰ ]
१. छोटा काँटा । कील । उ॰ — दरिया काँटी लोह की, पारस परसै सोय । — दरिया॰ बानी , पृ॰ ३३ । क्रि॰ प्र॰—गाड़ना ।—लगाना ।—ठोंकना ।—जड़ना ।
२. वह छोटी तराजू जिसकी डाँडी पर काँटा लगा हो । ऐसी तराजू सुनार लुहार आदि रखते हैं ।
३. झुकी हुई छोटी कील । अँकुडी़ ।
४. साँप पकड़ने की एक लकडी जिसके सिरे पर लोहे का अँकुडा लगा रहता है ।
५. बेडी़ । मुहा॰ — काँटी खाना = कैद काटना । जेल काटना । कैद होना । (जुआरियों की बोली ) ।
३. वह रूई जो धुनने के बाद बिनौला के साथ रह जाती है ।
७. लड़कों का खेल जिसमें वे डोरे में कंकड बाँधकर लडाते हैं, लंगर । मुहा॰. — काँटी लडा़ना = लंगर लडाना ।