काँसा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]काँसा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कांस्य॰] [वि॰ काँसी] एक मिश्रित धातु जो ताँबे और जस्ते के संयोग से बनती है । कसकुट । भरत ।— उ॰—काँसे ऊपर बीजुरी, परै अचानक आय । ताते निर्भय ठीकरा, सतगुरु दिया बताय ।—कबीर (शब्द॰) । विशेष—इसके बरतन और गहने आदि बनते हैं । यौ॰—कँसभरा = काँसे का गहना बनाने और बेचनेवाला ।
काँसा ^२ संज्ञा पुं॰ [फा॰ कासा]
१. भीख माँगने का ठीकरा या खप्पर ।
२. प्याला ।