काञ्ची

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कांची संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ काञ्ची]

१. मेखला । क्षुद्रघंटिका । करधनी । उ॰—नृप माणिक्य सुदेश, दक्षिण तिय जिय भावतो । कटि तट सुपट सुवेश, कल कांची शुभ मंडई ।— राम॰ धर्म॰, पृ॰ १५ । यौ॰—कांचीकल्प । कांचीगुणास्थान । कांचीपद ।

२. गोटा । पट्टा ।

३. गुँजा । घुँघची ।

४. हिंदुओं की सात पुकियों में से एक पुरी जिसे अब कांजीवरम् कहत हैं । विशेष—यह दक्षिण में मद्रास के पास है और एक प्रधान तीर्थ है ।