कातर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कातर ^१ वि॰ [सं॰] [संज्ञा कातरता]
१. अधीर । व्याकुल । चंचल ।
२. डरा हुआ । भयभीत ।
३. डरपोक । बुजदिल । उ॰— कोउ कातर युद्ध परात समय (शब्द॰) ।
४. आर्त । दु:खित । उ॰— कातर वियोगिन दुखद रन कीभूमी पावस नभ भई । भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ ११० । यौ॰—कातोरोक्ति पु (१) दु:ख से भरा वचन । (२) विनती । आर्तविनय ।
५. विवश । लाचार । (को॰) ।
कातर ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. घडनैल ।
२. एक प्रकार की मछली ।
कातर ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कर्तरी] जबडा । चोभर ।—(कलंदर) ।
कातर ^४ संज्ञा स्त्री॰[सं॰ कतृ = कातनेवाला] कोल्हू में लकडी का वह तख्ता जिसपर हाँ कनेवाला बैठता है और जो कोल्हु का कमर से लगा हुआ उसक चारों और घूमता है । इसी में बैल जोते जाते हैं ।