कापर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कापर पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ कर्पट=वस्त्र, प्रा॰ कप्पड] कपडा । वस्त्र । उ॰—(क) हस्ति धोर औ कापर, सबै दींन्ह बड साज । भये गुहस्थ सब लखपती, घर घर मानहु राज ।—जायसी (शब्द॰) । (ख) काढहु कोरे कापर हो अरु काढ़ौ धी की मौन । जाति पाँति पहिराइ के सब समदि छतीसौ पौन ।—सूर (शब्द॰) ।

कापर प्लेट संज्ञा पुं॰ [अं॰] छापेखाने में काम आनेवाला ताँबे की चद्दर का एक टुकडा जिसपर अक्षर खूदे होते हैं । विशेष—इसपर एक बार स्याही फेरी जाती है और फिर पोंछ ली जाती है जिसे खुदे अक्षरों में स्याही भरी रह जाती है और शेष भाग साफ हो जाता है । फिर इसको प्रेस में रखकर इसके ऊपर से कागज छापते हैं । जहाँ चित्र आदि बनाने होते हैं वहाँ तेजाब आदि रासायनिक द्रव्यों से काम लिया जाता है ।

कापर प्लेट प्रेस संज्ञा पुं॰ [अं॰] एक प्रकार का प्रेस या छापने की कल जिसमें प्राय:दो बेलन होते हैं और जिसमें कापर प्लेट की छपाई होती है ।