कायापलट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कायापलट संज्ञा पुं॰ [हिं॰ काया+ पलटना]
१. भारी हेरफेर । बहुत बड़ा परिवर्तन ।
२. एक शरीर या रूप का दूसरे शरीर या रूप में बदल जाना । नए रूप की प्राप्ति । और ही रंग रूप का होना । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।
कायापलट हो जाना । जैसे,—दो साल हुए मैंने तुमको कितना खुश देखा था, पर अब तो तुम्हारी हालत ही पलट गई है । विशेष— इस अर्थ में यह क्रिया 'जाना' के साथ सदा संयुक्त रहती है; अकेले नहीं प्रयुक्त होती है ।
३. अच्छी स्थिति या दशा प्राप्त होना । इष्ट या वांछित दशा आना या मिलना । किसी के दिन फिरना या लौटना । जैसे,—(क) धैर्य रखो, तुम्हारे भी दिन अवश्य पलटेंगे । (ख) बरसों बाद इस घर के दिन पलटे हैं । (ग) आधी रात तक तो उनका पासा बराबर पट रहा इसके बाद जो पलटा तो सारी कसर निकल आई ।
४. मुड़ना । घूमना । पीछे फिरना । जैसे,— मैंने पलटकर देखा तो तुम भी पैर पीछे आ रहे थे ।
५. लौटना । वापस होना । जैसे,— तुम कलकत्ते से कबतक पलटागे । (क्व॰) ।