कास
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कास ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. खाँसी ।
२. सहिजन का पेड़ ।
३. छींक (को॰) । यौ॰—कासघ्नी = एक कँठीली झाड़ी जा खाँसी की दवा के काम आती है । कासनाशिनी = खाँसी रोग हरनेवाले एक पौधे का नाम ।
कास ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ काश] दे॰ 'काँश' । उ॰—भूख सहै रह ि रूख तरे, पर सुंदरदास सहै दुख भारी । डासन छाड़ि के कासन ऊपर, आसन मारि पै आस न मारी ।—सुंदर ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ १२३ ।
कास ^३ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] कौड़ी । उ॰—जला इश्क की बात में मालो धन कूँ । रखी कास ना पास हरगिज कफन कूँ ।— दक्खिनी॰, पृ॰ २५७ ।