किंकर संज्ञा पुं॰ [सं॰ किङ्कर] [स्त्री॰ किङ्करी] १. दास । सेवक । नौकर ।—आगे बढ़ बोला में प्रभुवर, किंकरकर लेगा यह कार्य ।—साकेत, पृ॰ ३९३ । २. राक्षसों की एक जाति जिसको हनुमान जी ने प्रमदा वन को उजाड़ने समय मारा था ।