किंतु

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

किंतु अव्य॰ [सं॰ किन्तु]

१. पर । लेकिन । परंतु । जैसे,— हमारी इच्छा तो नहीं है किंतु तुम्हारे कहवे से चलते हैं । विशेष—जहाँ एक वाक्य के विरुद्ध दुसरे वाक्य की योजना होती है, वहाँ इस अव्य का प्रयोग होता है ।

१. वरन् । बल्कि । जैसे—ऐसे लोगों पर क्रोध न करना चाहिए, किंतु दया दिखानी चाहिए । उ॰—हो सकता है कि कुछ लोग हमारे इस कथन पर किसी कारण कुछ किंतु परंतु करते हुए नाक भौं सिकोड़े ।—रस॰ क॰, पृ॰ ३ ।