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किराड़

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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किराड़ पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ किराट] वणिक । व्यापारी । उ॰—गोली सौ गणका जसी, सम सो चोर किराड़ ।—बाँकी॰, ग्रं॰, भा॰, २, पृ॰ ६० ।