किलकारी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

किलकारी संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ किलकना] वह गंभीर और अस्पष्ट स्वर जिसे लोग आनंद के समय मुँह से निकालते हैं । हर्षध्वनि । क्रि॰ प्र॰— देना ।—मारना । उ॰—चले हनुमान मारि किलकारी ।—तुलसी (शब्द॰) ।