किल्ला संज्ञा पुं॰ [हि॰ किल] वहुत बड़ी कील या मेख । खूँटा २. लकड़ी की वह मेख जो जाँते के बीचोबीच गडी रहती है और जिसके चारो ओर जाँता घुमता रहता है । कील । मुहा.—किल्ला गाड़कर बैठना=अटल होकर बैठना ।
किल्ला संज्ञा पुं॰ [सं॰ किलअ] दे॰ 'किला' ।