किस
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]किस ^१ सर्व॰ [सं॰ कस्य] 'कौन' का वह रूप जो उसे विभक्ति लगने के पहले प्राप्त होता है । जैसे—किसने, किसको, किसमें इत्यादि ।
किस ^२ वि॰ 'कौन का वह रूप जो उसे उस समय प्राप्त होता । है जब उसके विशेष्य में विभक्ति लगाई जाती है । जैसे, किस व्याक्ति को, किस वस्तु में । विशेष—इस शब्द के अंत में जब निश्चयार्थक 'ही' लगता है, तब उसका रूप 'किसी' हो जाता है ।