कीचक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कीचक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. बाँस, जिसके छेद में घुसकर वायु हू हू शब्द करती है ।

२. पोला बाँस (को॰) ।

३. राजा विराट का साला और उसकी सेना का नायक । विशेष—जब पांडव लोग राजा विराट के यहाँ अज्ञातवास करते थे, उस समय कीचक ने द्रौपदी से छोड़छाड़ की थी । इसी पर भीम ने उसे मार डाला था । यौ॰—कीचकजित् = भीम ।