कीरा पु † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ कीड़ा] दे॰ 'कीड़ा' । उ॰—बर मागत मन भइ नहिं पीरा । गरि न जीहु मुह परेउ न कीरा ।— मानस, २ ।१६२ ।