कीरि

विक्षनरी से

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कीरि संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. स्रुति । प्रशसा । २ स्तोत्र [को॰] । यौ॰—कीरिचोदन = प्रशंसा की प्रेरणा करना । प्रशंसक को बढ़ावा देना ।