कु

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कु ^१ उप [सं॰] एक उपसर्ग जो संज्ञा के पहले लगकर विशेषण का काम देता है । जिस शब्द के पहले यह लगाया जाता है, उसके अर्थ में 'निच', 'कुत्सित' आदिका भाव आ जाता है । जैसे— संग कुमंग । पुत्र, कुपुत्र । टेव, कुटेव आदि । पर जिन शब्दों के आदि में स्वर होता है उनमें लगने से पहले इसका रूप 'कदू' (कदू) हो जाता है । जैसे— कदन्न, कदाचार, कदुष्ण । हिंदी में यह नियम नहीं है, जैसे कुअन्न, कुअसर आदि शब्दों में । इसके रूप 'कव' का भी मिलते हैं । जैसे,— किंप्रभु ।