कुञ्जी

विक्षनरी से

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कुंजी † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कुञ्जिका] चाभी । ताली । उ॰— कुंजी उसकी जबानी शीरीं है । दिल मेरा कुफ्ल हैं बताशो का ।— कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ १६ । मुहा॰— (किसी की) कुंजी हाथी में होना = किसी का वश में होना । किसीं की चाल या गति का वश में होना । जैसे,— वे तुमसे कुछ न बोलोंगे उनकी कुंजी तो हमारे हाथ मे हैं ।

२. पुस्तक जिससे किसी दूसरी पुस्तक का अर्थ खुले । टीका ।