कुटना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कुटना ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ कुटनी]
१. स्त्रियों को बहकाकर उन्हें परपुरुष से मिलाने वाला अथवा एक का संदेशा दूसरे तक पहुँचानेवाला व्यक्ति । स्त्रियों का दलाल दूत । टाल ।
२. एक की बात दूसरे से कहकर दो आदमियों में झगड़ा करानेवाला । चुगलखोर ।
कुटना ^२ संज्ञा पु॰ [हिं॰ कूटना]
१. वह औजार या हाथियार जिससे कुटाई की जाय ।
२. कूटे जाने की क्रिया । यौ॰—कटना पिसना = कूटे और पीसे जाने का काम ।
कुटना ^३ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ कुटना]
१. कूटा जाना ।
२. मारा या पीटा जाना ।