कुढ़न

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कुढ़न संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ क्रुद्ध, प्रा॰ कुड्ढ]

१. वह क्रोध जो मन ही मन रहे । वह क्रोध जो भीतर ही रहे, प्रकट न किया जाय । चिढ़ ।

२. वह दुःख जो दूसरे के अनिवार्य कष्ट की देखकर हो ।