कुनैन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कुनैन संज्ञा पुं॰ [अं॰ क्विनिन] एक ओषधि जो अंग्रेजी चिकित्सा में ज्वर के लिये अत्यंत उपकारी मानी जाती है । कुनाइन । विशेष—यह एक पेड़ की छाल का सत है, जिसे सिकोना कहते हैं । यह पेड़ पहले दक्षिण अमेरिका में ही होता था पर अब यह भारतवर्ष के नीलगिर, मैसूर, सिकिम आदी ऊँचे पहाडी स्थानों में भी लगाया जाता हैं । यह दो ढंग से लगाया जाता है । कहीं तो बीज बोकर पौधे उगाते हैं और कहीं डालियाँ काटकर कलम लगाते हैं । इसके बीजों को घना बोते हैं और खूब सिंचाई करते हैं । ऊपर से फूस आदि की छाया भी करते हैं । ४०-४१ दिनों में अँखुए निकल आते हैं । जब दो या तीन जोडी पत्तियाँ निकल आती हैं तब पौधों को दूसरी जगह लगाते हैं । इसी प्रकार पौधों की कई बार उखाड़ उखाड़कर अन्यत्र लगाना पड़ता है । ये पौधे चार या छह छह फूट के अंतर पर लगाए जाते हैं । सिंकना कई प्रकार का होता है —भूरी छाल का लाल, छाल का और पोली छाल का । लाल छाल का पेड़ बड़ा होता है, भूरी छाल का मध्यम आकार का होता है और पीली छाल का झाड़ी के आकार का छोटा होता है । जब पौधा चार वर्ष का होता है तब उसकी छाल में सच्छी तरह क्षार आ जाता है और वह काम लायक हो जाती है । सातवें वर्ष से क्षार कुछ घटने लगता है, इससे १२-१४ वर्ष के भीतर ही सारे पेड़ छाल के लिये उखाड़ लिए जोते हैं । जड़ में क्षार का अंश विशेष होता है, इससे यह और भागों की अपेक्षा बहुमूल्य समझी जाती है ।