कुन्दुर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कुंदुर संज्ञा पुं॰ [सं॰; अ॰]
१. एक प्रकार का सुगंधित पाला गोंद । विशेष—यह एक प्रकार का कँटिले पौधे से निकलता है जो दो हाथ ऊँचा होता है और अरब के यमन आदि पथरिले स्थानों में मिलता है । इसके फल और बीज कडूए होते हैं । जब सूर्य कर्क राशि में होता है तब गोंद इकट्ठा किया जाता है । हकिम लोग इसे पुष्ट, हृद्य और रक्तस्राव को रोकनेवाले मानते हैं ।
२. एक प्रकार का सुगंधित गोंद जो सलई के पेड़ से निकलता है । वैद्यक में यह रुचिकारक, स्वेदनाशक त्वचा को हितकारी और जूँ को दूर करनेवाला माना जाता है । पर्या॰—सौराष्ट्री । पालंकी । तीक्ष्णगंध । कुंदारु । भीषण । सुगंध । विडालाक्ष । खपुर । नागवधूप्रिय । शल्लको निर्यास ।