कुम्हलाना

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कुम्हलाना क्रि॰ अ॰ [सं॰ कु + म्लान]

१. ताजगी का जाता रहना । सरसता और हरापन न रहना । मुरझाना । जैसे,—पौधे, पत्ते, फूल आदि का कुम्हलाना । उ॰—तरू पर फूल कमल पर जल कण सुंदर परम सुहाते हैं । अल्प काल के बीच किंतु वे कुम्हलाकर मिट जाते हैं ।—श्रीधर पाठक (शब्द॰) ।

२. सूखने पर होना ।

३. प्रफुल्लता रहित होना । कांति का मलिन पड़ना । प्रभाहीन होना । जैसे—इतनी धूप में आए हो, चेहरा कुम्हलाया हुआ है । उ॰—सुनि राजा अति अप्रिय बानी । हृदय कप मुख दुति कुम्हलानी ।—तुलसी (शब्द॰) ।