कुरंड

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कुरंड ^१ संज्ञा पुं॰ [कुरूबिंद = माणिक] एक खनिज पदार्थ, जो एक प्रकार का मूर्चिछत अलुसमीनम है और मिस्त्री की चमकीली डली के रूप में जमा हुआ मिलता है । विशेष—कडा़ई में यह हीरे से कुछ ही कम होता है । इसके चूर्ण को लाख आदि में मिलाकर हथियार तेज करने की सान बनाते हैं । अविशुद्ध अवस्था में चुंबक आदि से मिला हुआ जो दानेदार कुरंड मिलता है, वह मानिकरेत कहलाता है, जिससे सोनार सोने चाँदी के गहनों पर जिला देते हैं । अधिक कांतिवाले जो कुरंड मिलते हैं वे रत्न माने जाते हैं; और रंग के अनुसार उन्हें मानिक (लाल), नीलम, पुखराज, गोमेद आदि कहते हैं ।

कुरंड ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कुरण्ड]

१. औषध के काम में प्रयुक्त होनेवाला एक पौधा । विशेष—यह पौधा खेतों के किनारे और इधर उधर उगता है । इसमें सफेद रंग के फूल लगते हैं । वैद्यक में इसे अग्निदीपक, रूचिकारक, वीर्यवर्द्धक और मूत्रकृच्छ को दूर करनेवाला माना है ।

२. फोता बढ़ने का रोग । अंडवृद्धि रोग (को॰) ।