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कुरसी

विक्षनरी से

संज्ञा

स्त्री॰

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

कुरसी संज्ञा स्त्री॰ [अ॰]

१. एक प्रकार की चौकी जिसके पाये कुछ ऊँचे होते हैं और जिसमें पीछे की ओर सहारे के लिये पटरी या इसी प्रकार की और कोई चीज लगी रहती है । किसी किसी में हाथों के सहारे के लिये दोनों ओर दो लकडि़याँ भी लगी रहती हैं । यह केवल एक आदमी के बैठने योग्य बनाई जाती है । विशेष—कुरसी प्राय: लकडी़ की बनती है और उसमें बैठने और सहारा लगाने का स्थान बेंत से बुना या चमडें आदि से मढा़ होता है । कभी कभी पत्थर, लोहे या किसी दूसरी धातु से भी कुरसी बनाई जाती है । यह कई कई आकार और प्रकार की होती है । यौ॰—आराम कुरसी= एक प्रकार की बडी़ कुरसी जिसपर आदमी लेट सकता है ।

२. वह चबूतरा जिसके ऊपर इमारत या इसी प्रकार की और कोई चीज बनाई जाती है । यह आसपास की भूमि से कुछ ऊँचा होता है और पानी, सीड़ आदि से इमारत की रक्षा करता है ।

३. पीढी़ । पुश्त । यौ॰—कुरसीनामा ।

४. वह चौकोर ताबीज जो हुमेल के बीच में रहती है । चौकी । उरबसी ।

५. नाव के किनारे किनारे की तख्ताबंदी । जहाज में इसी तख्ताबंदी पर नीचे पाल बँधा रहता है ।

६. जहाज के मस्तूल के ऊपर की वे आडी़ तिरछी लकडी़याँ जिनपर खडे़ होकर मल्लाह पाल की रस्सियाँ तानते हैं ।

७. नदियों में चलनेवाली छोटी नाव की लंबाई में पट्टियों का बना हुआ वह चौरस स्थान जिसपर आरोही बैठते हैं । पादारक ।