कुलञ्जन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कुलंजन संज्ञा पुं॰ [सं॰ कुलञ्जन]
१. अदरक की तरह का एक पौधा । विशेष—यह बर्मा, मलाया द्वीप, चीन आदि में होता है । इसकी रेशेदार जड़ बाहर बहुत भेजीं जाती हैं । यह कड़वी, गरम और दीपन होती है तथा मुख की दुर्गध को दूर करती है । कुलंजन के दो भेद हैं—बड़ा कुलंजन और छोटा कुलंजन । पर्या॰—कुलंज । कुर्णज । गंधमूल ।
२. पान की जड़ या डंठल । विशेष—इसे लोग खाली या पान की तरह चूना, कत्था आदि मिलाकर खाते हैं । इससे बैठा हुआ गला खुल जाता है ।